गुरुवार, 30 जनवरी 2025

पड़ोस की चाची की चूत चूदाई

 हॉट चाची चूत चुदाई कहानी में मेरे पड़ोस की चाची को मैंने आंगन में चारपाई पर लेती देखा, उनकी साड़ी हटी हुई थी और उनकी चूत दिख रही थी. उन्होंने मुझे देखते हुए देख लिया.


दोस्तो, मेरा नाम शिवम है. मैं यूपी के रायबरेली जिला के पास के एक गांव का रहने वाला हूँ.

अभी मेरी उम्र 32 साल है.


यह हॉट चाची चूत चुदाई कहानी तब की है, जब मैं 20 साल का था.

उस वक्त मेरे मकान के पीछे एक चाची चाचा रहते थे.


चाचा काफी उम्रदराज थे जबकि चाची की उम्र कम थी और वे एकदम नई जवान लड़की की जैसी दिखती थीं.

चाची का नाम (बदला हुआ) सोना था. चाची को एक छोटा लड़का भी था.


मैं बचपन से उनको देखता आया था लेकिन मैंने उन्हें कभी गंदी नजर से नहीं देखा था.


एक दिन मैं अपनी छत पर खड़ा था तभी मेरी नजर उनके आंगन में पड़ी चारपाई पर पड़ी, जिस पर वे लेटी थीं.

उनके पैरों पर से साड़ी हटी हुई थी और उनकी बुर चमक रही थी.


मैं लगभग दस मिनट तक उनकी बुर देखता रहा.


तभी उन्होंने देख लिया और बोल उठीं- ऐ, क्या देख रहे हो?

मैं हड़बड़ा गया और बोला- क… कुछ नहीं चाची.

मैं दूसरी तरफ देखने लगा.


वे बेशर्मी से अपनी चुत सहलाती हुई बोलीं- बोलो क्या हुआ शिवम … कुछ चाहिए था क्या?

मैंने कहा- नहीं … कुछ नहीं!


मैं छत पर से नीचे उतर आया.

थोड़ी देर बाद चाची घर पर आईं और मम्मी से बातें करने लगीं.


मैं घबरा गया कि कहीं वे मम्मी को न बता दें.

मैं चुपचाप घर से निकल जाना चाहता था.


जब मैं घर से निकल रहा था, तभी उन्होंने मुझे आवाज देकर बुलाया 'शिवम!’

मैं चौंक गया और हकलाता हुआ बोला- जी क… क्या बात है?


चाची थोड़ी मुस्कुराईं और बोलीं- मेरा थोड़ा सामान ला दो!

मम्मी ने भी कह दिया- हां बेटा, ला दे!


मुझको थोड़ा राहत मिली कि चाची ने मम्मी से कुछ बताया नहीं है.


फिर मेरे पूछने से पहले ही वे बताने लगीं- एक पियर्स साबुन, एक शैंपू!

चाची ने मुझे 100 का नोट दिया.


मैं दुकान पर जाने लगा तो वे बोलीं- शिवम, सामान मेरे घर पर आकर दे जाना!

मैं बोला- ठीक है.


चाची थोड़ा सा मुस्कुरा दीं.

मैं उनकी कंटीली मुस्कान देख कर घायल सा हो गया.


चाची मेरे जाने के बाद शायद अपने घर चली गई थीं क्योंकि जब मैं उनका सामान लेकर वापस आया तो चाची वहां नहीं थीं.


मैंने मम्मी से पूछा तो मम्मी ने बताया- वह तो तुरंत ही अपने घर पर चली गई थी. जा, जाकर उनके घर दे आ!


मैं उनके घर पर गया तो उनका गेट खुला था; मैं घर के अन्दर चला गया.


चाची मुझे देख कर बोलीं- , आ गए … अच्छा मेरा एक काम और कर दो!

मैं बोला- हां बताओ चाची!


‘दुकान पर फिर से चले जाओ और एक रेजर भी ला दो!’

मैं बोला- चाची, चाचा तो है नहीं … फिर रेजर किस लिए?


वे बोलीं- अभी तुम बच्चे हो?

मैं बोला- पहले बताओ, किस लिए रेजर मंगा रही हो?


तो चाची बोलीं- पहले ले आओ, फिर बता दूंगी.

‘नहीं, पहले बताओ … फिर लाऊंगा!’


‘अच्छा ठीक है, मैं बताती हूं. बगल के बाल बनाने है यार … गर्मी ज्यादा है न!’

उन्होंने यार कहा, तो मैं खुश हो गया.


उन्होंने वापस कहा- ठीक है, अब जाओ रेजर ले आओ!

मैं चला गया और दुकान पर से रेजर ला कर उन्हें दे दिया.


जब मैं उधर से जाने लगा, तब चाची ने फिर से रोका- शिवम एक बात पूछूं, बताओगे?

मैंने भी कह दिया- हां पूछो!


“तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?”

मैंने कहा- नहीं तो, लेकिन आप क्यों पूछ रही हो?

तब चाची बोलीं- बस ऐसे ही!


मैं अपने घर चला आया.


थोड़ी देर बाद मैं अपने कमरे में टीवी देखने लगा.

तभी मम्मी के पास चाची के बोलने की आवाज आई.


मैंने अपने कमरे से देखा कि चाची पीछे से बहुत मस्त लग रही थीं और उनके चूतड़ काफी भरे भरे से लग रहे थे.

मैंने आज पहली बार उनको इतनी ध्यान से देखा था.


वे मम्मी से कह रही थीं- आज दूध फट गया है … चाय बना रही थी, क्या दूध मिलेगा?


मम्मी ने कहा- हां अभी थोड़ी देर में ले जाना … क्योंकि दूध गैस पर पकने के लिए रखा था!

चाची बोलीं- ठीक है दीदी.


अब वे चली गईं.

उनके जाने के बाद मम्मी ने आवाज लगाई- राहुल!


मैं बाहर निकल कर आया.

मम्मी बोलीं- रसोई में से दूध लेकर चाची को दे आ!


मैं उस वक्त छत पर गया था.

उस वक्त मैं जानबूझ कर चाची के आंगन में देखने लगा.

चाची आंगन में ही खड़ी थीं.


वे मुझको देख कर मुस्कराईं और हाथ से इशारा किया कि आओ चाय बन रही है.

मैं भी मुस्करा दिया और नीचे आ गया.


तभी मम्मी ने कहा- तेरी पड़ोसन चाची आई थीं, यह ले दूध और जाकर उनके घर दे आ!

मैंने मम्मी से थोड़ा दूध लिया और चल दिया.


आज मेरे मन में कुछ अजीब हरकत हो रही थी. लौड़ा बार बार सलामी दे रहा था और साथ में डर भी लग रहा था.


मैं दूध लेकर चाची के घर पहुंचा, तो देखा चाची के चूचे कुछ खुले हुए थे.

मैं बोला- चाची ये दूध लो, मम्मी ने भेजा है.


मेरी नजर चाची के मम्मों पर ही टिकी थी, जो बहुत ही गोरे थे.

चाची ने भांप लिया कि मैं क्या देख रहा हूँ.

 वे अपने दूध उठाती हुई बोलीं- शिवम पियोगे?

मैं हड़बड़ा गया और बोला- क…क्या चाची?


वे इठला कर अपने मम्मे हिलाती हुई बोलीं- जो देख रहे हो!

मैं नीचे जमीन की तरफ देखने लगा.


वे बोलीं- शिवम, मैं चाय की बात कर रही थी!

यह सुनते सुनते मुझे तो पसीना आ गया था.


मैंने पूछा- चाची, चाचा तो काफी दिनों से बाहर गए हैं, कब तक आएंगे?


वे बड़ी उदास मन से बोलीं- क्या फायदा, चाहे जब आएं! उनके आने से क्या होना है शिवम, वे चाहे घर में रहें या बाहर!

मैंने पूछा- चाची क्या लड़ाई हो गई है या कुछ और बात है?


वे दूध को अपने पैन में डाल रही थीं, तभी उनका हाथ पास में रखे गर्म तवे पर लग गया … जिससे उनकी चीख निकल गई.

वे जोर से बोलीं- मर गई रे!


मैंने उनका हाथ देखा तो खाल ही निकल गई थी.

मैंने उनको वहां से उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया.


दूध का पैन भी गैस से हटा कर पट्टी पर रख दिया. फिर जल्दी से थोड़ा कोलगेट पेस्ट को उनके हाथ पर लगा दिया.


चाची सफेद पेस्ट को देख रही थीं.

मैं जब जाने लगा तो वे बोलीं- शिवम जरा गैस बंद कर दो और हां शाम को जरा आ जाना!


उस वक्त चार बजे रहे थे.

मैं घर आ गया और सोचने लगा कि जब मैं चाची को पीछे से पकड़ कर उठा रहा था तो मैंने उनके एक मम्मे को थोड़ा दबा दिया था, लेकिन चाची ने कुछ नहीं कहा था.


अब मुझे शाम का इंतजार था.

मैं घर आकर मम्मी को बताया तो मम्मी तुरंत चाची के घर गईं.


वे कुछ देर बाद वापस आकर बोलीं- शिवम, सोनी को अभी खाना दे आना! मैं बोल कर आई हूँ कि वह खाना न बनाए … और उसके पास जा, जाकर मेडिकल स्टोर से कुछ दवाई ले आ.

मैंने अपनी साइकल को निकाला और चाची से जाकर पूछा कि चाची क्या क्या लाना है?

तो वे बोलीं- लो, पैसे ले लो और यह पर्ची है … दवाई ले आओ!


मैं जाने को हुआ, तो चाची बोलीं- कोई पूछे अगर कि किसने मंगाई है, तो बता देना कि किसी और ने मंगाई है, मेरा नाम मत बताना … ठीक है.

यह कह कर उन्होंने एक आंख दबा कर मुस्करा दिया.


मैं मेडिकल स्टोर पर चला गया. मुझे नहीं मालूम था कि पर्चे पर क्या दवा लिखी है!

जब मैं मेडिकल स्टोर से पर्चे पर लिखी दवाई ले चुका, तब मैंने देखा उसमें एक गोली सेक्स की थी.


मैंने इससे पहले यह दवा कभी देखी नहीं थी. जब मैं वापस चाची के घर आया, तो मम्मी वहीं थीं.

मम्मी बोलीं- ले आया दवाई?


लेकिन चाची का चेहरा उतरा सा लगने लगा, जब मम्मी ने दवाई देखने को मांगी.

चाची ने मुझे आंख से ना देने का इशारा किया.

 मैंने मम्मी को ये बोल कर दवाई नहीं दी कि अभी आता हूँ, साइकल बाहर खड़ी है.

मैं बाहर चला गया और वहां से अपने घर चला आया.


तब तक पीछे से मम्मी आ गईं और बोलीं- जा चाची के हाथ में ट्यूब लगा दे जाकर और दवा भी खिला देना, जिससे उसे ज्यादा जलन ना हो!

मैं बोला- ठीक है मम्मी.


मैं चाची के पास पहुंचा तो चाची अपने घुटने ऊपर करके लेटी थीं और उनकी बिना झांटों वाली चूत साफ चमक रही थी.


तब मैं खड़ा होकर चाची की चूत देखने लगा. मेरा लौड़ा भी लोअर में उफान मार रहा था.

चाची के मम्मे भी तने हुए नजर आ रहे थे.


कुछ देर देखने के बाद मैं चाची के पास गया और मैंने उनके पेट पर हाथ रख दिया.


चाची बोलीं- आ गए शिवम, लाओ दवाई दे दो मेरी!

मैंने कहा- चाची, आपने मम्मी के सामने दवाई क्यों नहीं ली, क्यों मना कर रही थीं?


तब चाची ने बताया- एक दवाई तेरे लिए भी मंगाई थी मैंने.

फिर वे गोली मुझे देती हुई बोलीं- इसको खा लेना, बहुत काम की गोली है.


मैंने बन कर पूछा- मैं क्यों खाऊँ, मुझे क्या हुआ है?

वे बोलीं- आज खा कर तो देख राहुल, फिर बताना!


चाची का हाथ कम ही जला था लेकिन वे दिखावा कुछ ज्यादा ही कर रही थीं.

मैं बोला- चाची क्या सच में आपको बहुत दर्द हो रहा है?


वे बोलीं- हां, लेकिन इस दर्द को तुम कम कर सकते हो.

मैं- चाची वह कैसे?


‘पहले तुम ये गोली लो खा लो, फिर बताती हूँ.’

मैंने कहा- घर पर जाकर खा लूँगा.


चाची बोलीं- अभी खा ले न!

उस वक्त शाम के 8 बजे का समय हो रहा था.


चाची के कई बार कहने पर मैंने कहा- ठीक है चाची मैं उस गोली को खा लूंगा.

ऐसा कह कर मैं चला आया.


घर पर मम्मी ने जलेबी बनाई थी.

मैं दही और जलेबी खाने लगा.


तभी मम्मी ने कहा- खाना खा लो, फिर अपनी सोनी चाची को भी खाना दे आना!

मैंने कहा- ठीक है मम्मी.


मैं खाना खाने के बाद जब हाथ धो रहा था, तभी मुझे उस गोली की याद आई.

मैंने झट से उस गोली को दूध के साथ खा लिया.


तभी पापा ने आवाज़ दी- शिवम, मैं खेत पर जा रहा हूँ, तुम भैंस का दूध निकाल लेना. लाइट आ गई है, खेत में पानी लग रहा है तो मुझे जाना है.

यह कह कर पापा खेत पर चले गए.


मैंने भैंस से दूध दुहा और खाना लेकर चाची के घर चला गया.


चाची ने झट से गेट बंद कर लिया और बोलीं- शिवम आओ!


तब मैंने देखा कि चाची ने लाल साड़ी पहन कर पूरा मेकअप कर लिया था और वे एक नई दुल्हन की तरह तैयार हो चुकी थीं.


मैंने आज पहली बार चाची का यह रूप देखा था.

क्या मस्त लग रही थीं, पूरी कयामत … उन्होंने आज अपनी पतली कमर के काफी नीचे से साड़ी को बांध रखा था.

उनकी नाभि साफ दिख रही थी.


चाची आज काफी खुश लग रही थीं.


उन्हें देख कर मेरा लंड काफी टाइट हो रहा था और सामने से दिख भी रहा था.


उन्होंने आगे बढ़ कर टिफिन मेरे हाथ से ले लिया और हंस कर बोलीं- क्या हुआ, गोली ताकत वाली है, असर साफ दिख रहा है!


मैं तो पहले से ही काफी डर रहा था लेकिन जब चाची ने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- शिवम, आज मेरी प्यास बुझा दो, मैं तुम से कबसे चुदवाना चाहती हूँ प्लीज़ राहुल!

उनकी गिड़गिड़ाने जैसी आवाज हो गई थी तो मेरे अन्दर साहस जाग गया था.


वे कहे जा रही थीं- तुम्हारे लंड को आज से एक साल पहले देखा था, तब से उसकी दीवानी हूं. आज मेरी प्यास बुझा दो!

मैं भी दवा के असर से वासना से तप्त हो गया था.


मैंने कहा- ठीक है चाची!

वे बोलीं- नहीं चाची मत कहो, मोली कहो!

‘ठीक है सोनी!’


चाची ने मेरा लोअर उतार दिया और अंडरवियर को नीचे करके मेरे तने हुए लंड को देख कर वे चौंक गईं- ये इतना मोटा … इतना लंबा भी होता है क्या?

वे मेरे लंड से खेलने लगीं, उसे अपने मुँह में लेकर अन्दर बाहर करने लगीं.

अपने मुँह से मस्त चूसने लगीं.

फच फच की आवाज निकलने लगी.


वे अपनी बिना झांटों वाली चूत को सहलाने लगीं.

लगभग दस मिनट बाद उनका पानी निकल गया.


चाची ने मेरे लंड को कसके दबा दिया और निहाल हो गईं.


अभी दो मिनट ही हुए थे कि वे मेरे लंड को अपनी चूत पर रगड़ने लगीं.


मैंने अपना मुँह उनकी चूची पर रख दिया और चाटने लगा.

क्या स्वाद था आह!


वे अकड़ने लगीं और बोलीं- शिवम अब डाल दो प्लीज!

मैंने अपने लंड का सुपारा जैसे ही उनकी चूत पर रख कर अन्दर पेला, वे एकदम से चिल्ला पड़ीं ‘आह निकालो राहुल, बहुत मोटा है तेरा!’


पर मैंने उनकी एक ना सुनी और एक तेज झटका देते हुए लंड अन्दर पेल दिया.

मेरा आधा लंड उनकी चूत में घुस गया था.


मोली चाची की आंखें जैसे बाहर निकल आई थीं और उनकी घिग्गी बंध गई थी.

मैं थोड़ा रुक गया.


जब मुझे चाची का दर्द थोड़ा कम मालूम हुआ, तो मैंने फिर से एक झटका मारा और अपना पूरा लंड चाची की चूत के अन्दर पेल दिया.

वे दर्द में गाली बकने लगीं- निकालो भोसड़ी के अपने लंड को … मुझे नहीं चुदवाना है … तुम्हारा खूँटा मेरी फाड़ देगा … हट जा मादरचोद … आह लग रही है कुत्ते निकाल ले अपना लंड!


मैंने उन्हें कसके पकड़ा और जोर जोर के झटके मारने लगा.

कुछ देर के दर्द के बाद अब चाची को मजा आने लगा था.


वे अपनी कमर उठा उठा कर लंड लेने लगी थीं ‘आह और जोर से चोदो … आह उह उई मम्मी मर गई!’


कुछ ही देर में चाची का शरीर अकड़ गया और वे झड़ गईं.

अब वे मुझे अपने ऊपर से हटाने लगीं लेकिन मेरा लंड अभी बाकी था.


मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी तो चाची का बुरा हाल हो गया था.

मुझे उन्हें चोदते हुए काफी देर हो चुकी थी.


चाची अब रोने सी लगी थीं.

मैंने कहा- गोली क्यों खिलाई थी, अब भुगतो!


वे चुप हो गईं.

फिर जब मेरा लंड झड़ने को हुआ तब मैंने सोनी जी, कहां निकालूँ!

वे हंस कर बोलीं- मुँह में झाड़ दो!


मैंने लंड को चूत से निकाला और उनके मुँह में लंड देकर रस झाड़ दिया.


वे सारा रस पी गईं और बांहों में भर कर बोलीं- शिवम, आज से ये मोली और चूत दोनों तुम्हारी है, जब मन करे आकर इस चूत की प्यास बुझा जाना!


अब काफी समय हो गया था तो मैंने तुरंत अपना लोअर और बनियान पहना.

मैं बोला- चाची मैं अभी आता हूं, मम्मी घर पर अकेली हैं.


चाची बोलीं- आज रात तुम मेरे हो राजा! मत जाओ.

लेकिन मैं उनसे बहाना बना कर निकल आया.


हॉट चाची चूत चुदाई करके मैं घर पहुंचा तो मम्मी बर्तन साफ कर रही थीं.

मैंने कहा- मम्मी, मैं पापा के पास खेत पर जा रहा हूँ, देर तक आऊंगा तो गेट बंद मत करना!


मम्मी बोलीं- ठीक है, मोली को खाना दे आया था!

‘हां मम्मी!’


फिर मैं चाची के घर की तरफ निकल गया.


चाची गेट पर मेरा ही इंतजार कर रही थीं, वे दरवाजे की ओट में बिना कपड़ों के ही खड़ी थीं.

मैंने उनको अन्दर धकेला, गेट बंद किया और उन्हें पकड़ कर खटिया पर ले जाकर फिर से चालू हो गया.


चार बार चुदाई करने के बाद सुबह के 4 बजे मैं उनके घर से निकल कर अपने घर चला आया.

सुबह जब मैं जागा तो चाची मेरे घर पर आई थीं.


उनकी हालत देख कर कोई भी कह सकता था कि कितनी चुदाई हुई है.


उन्होंने मुझे देख कर आंख मारी और मुस्कुरा कर वापस चली गईं.

दोस्तो, आज 12 साल हो गए हैं, हमारी चुदाई की कहानी अभी भी मस्त चल रही है.


कैसी लगी हॉट चाची चूत चुदाई कहानी दोस्तो, कमेंट करके बताना.

रविवार, 21 अप्रैल 2024

प्यासी नीलम आंटी की गर्मी बुझाई | आंटी स्टोरी

ये कहानी मुझे मेरे मेल पर मिली जिसमे आप पढ़ेंगे कैसे एक आंटी और एक लड़के ने एक दूसरे की गर्मी को ठंडा किया

हॉट चू....; त पक स्टोरी में एक नादान लड़के ने अपनी सेक्सी मकान मालकिन को उनके घर में चो... D दिया. लड़के ने पहले कभी सेकस नहीं किया था. और आंटी को मूसल की जरूरत थी.
आइए सुनते है ये कहानी नमन की जुबानी

मेरा नाम नमन है. मेरी उम्र 18 साल की है, हाइट 5 फुट 8 इंच है.
मेरा रंग सांवला और सामान्य से लंबे और 2.5 इंच मोटे मूसल वाला बहुत मस्त और नादान लडका हूँ.
मेरे मकान मालकिन का नाम नीलम है. उसके तीन बच्चे हैं पर उनको सामने से देखने से नहीं लगता है।
उसका फिगर कमाल का 34-32-36 है जिसे देख के किसी का भी L खड़ा हो जाए।
यह हॉट cht फक्क स्टोरी आंटी और मेरी है.
मैं और मेरा परिवार सेकंड फ्लोर पर रहते हैं और हमारी मकान मालकिन ग्राउंड फ्लोर पर।
मैं जब भी नीचे आता हूँ तो उसके हुस्न का दीदार हो ही जाता है।
एक बार में नहा कर जैसे ही अंडरवियर में बाहर निकला तो वह मुझे सिर्फ अंडरवयर मे सामने देख के चौंक गई।
उसकी आंखें मेरी छाती पर टिक गई थी।
उसको जैसे ही होश आया, उसकी नजर मेरी अंडरवियर की ओर गई और मेरे मूसल के उभार को देख कर मुस्कुराती हुई नीचे चली गई।
एक बार मैं कुछ काम से नीचे आ रहा था तो वह अपने गेट पे खड़ी थी और उसकी ब्लाउज कंधे से खिसकी हुई थी जिससे उनकी काली ब्रा साफ़ दिख रही थी।
मैंने जैसे ही उसे देखा तो मैं देखता ही रह गया क्योंकि वह बहुत सेक्सी लग रही थी।
यह बात उसे पता थी कि मैं उसे देख रहा हूँ फिर भी वह अपने कपड़े ठीक नहीं कर रही थी बल्कि मुझसे नजरें मिलाकर मुझे अपनी ब्रा को एडजस्ट करने का नाटक कर रही थी।
फिर मैं वहा से चला गया क्योंकि मुझे बाहर काम था।
ऐसे ही मैं एक दिन छत पे पतंग उड़ा रहा था, अंधेरा होने वाला था।
मैं भी नीचे जाने वाला था, तभी नीलू छत पे आई और कपड़े उतारने लगी।
उनमें से एक कपड़ा कुछ ऊंचाई पर डाला हुआ था तो उसका हाथ नहीं पहुंच रहा था।
तो नीलम बोली- नमन, मेरी मदद कर दो मेरी!
मैं- अभी हेल्प कर देता हूँ।
और मैं तुरंत उनकी हेल्प करने चला गया।
मैं उनके पीछे से जाकर कपड़े को उतारने की कोशिश करने लगा.
मेरा लोहे जैसा मूसल उसकी गॉड में टच हो रहा था।
और मैंने देखा कि मेरी इस हरकत का उसने विरोध नहीं किया बल्कि खुद ही अपनी गॉड को मेरे मूसल पे रगड़ने लगी.
मुझे भी मजा आने लगा।
इसी बीच कुछ ऐसा हुआ कि नीलम ने गॉड और जोर से रगड़ने के लिए पीछे की ओर जोर लगाया तो मैं लड़खड़ा के गिर गया और मैंने उसको पकड़ने के चक्कर में उसे भी खींच लिया।
अब वह मेरे ऊपर पड़ी हुई थी।
मैंने धीरे से उनके होंठों को मेरे होंठों से छू लिए.
पर अब मैं डर से रूक गया कि वह मुझ पर चिल्लाने न लगे।
पर अगले ही पल वह मेरे होंठ अपने होंठों से मिला के चूसने लगी.
मैं भी उसका साथ देने लगा।
मैंने पहली बार किसी को किस किया था.
मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था।
अब मैं किस करते करते ब्लाउज के ऊपर से ही उसके bub दबाने लगा।
मेरे ऐसे करने से उसको होश आ गया, वह किस करने से रुक गयी.
तो मैंने उससे पूछा- क्यों रुक गई?
तब उसने बोला- कोई आ जायेगा।
मैं- नीलम आंटी, आप मुझे बहुत अच्छी … बहुत अच्छी लगती हो।
नीलिमा- तुम भी मुझे बहुत अच्छे लगते हो और मुझे तुम्हारी बॉडी बहुत अच्छी लगती हैl
मैं- मुझे आपके साथ सैकस करना है।
नीलिमा- मैं भी अपनी प्यास बुझाना चाहती हूँ। पर घर पर सभी लोग हैं, कैसे करेंगे?
उतने में ही किसी की आवाज आई और वह उठ कर चली गई।
फिर हम दोनो कुछ दिन ऐसे ही मजे लेने लगे।
कभी छत पर तो कभी सीढ़ियों में!
पर हम इतने से खुश नहीं थे।
एक दिन जब उसके घर में कोई नहीं था तो मैं उसके कमरे में घुस गया।
कमरे में घुसते ही नीलिमा खुश हो गई और उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया.
मैं भी उसके होंठों में होंठ डालकर जोरदार किस करने लगा।
बीच बीच में मैं उसके होंठों को काट भी रहा था।
अब मैं ब्लाउज के ऊपर से ही उसके Bub को दबाने लगा।
उसके निपल इतने कड़े हो गए थे कि ब्लाउज के अंदर से ही महसूस हो रहे थे।
अब नीलम भी मेरे मूसल को पैंट के ऊपर से पकड़ के रगड़ने लगी।
तो मैं भी उसके फुटबॉल जैसे चुटाडो को जोर जोर से दबाने लगा.
इससे उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी।
मैंने पूछा- घर वाले कहाँ गए हैं?
नीलिमा- सब लोग शादी में गए हैं।
मैं- कब तक आएंगे।
नीलम - कल तक।
यह सुनते ही मानो मेरे खुशी का ठिकाना ही नहीं था।
नीलिमा- आज रात मैं पूरी तुम्हारी हूं।
मैंने नीलम की ब्लाउज खोल दी, उसके बड़े बड़े मामे बाहर आ गए।
मैं उन पर जानवरों की तरह टूट पड़ा।
नीलम - आराम से नमन … हमारे पास पूरी रात है।
मैं- आपके मम्म इतने मस्त हैं कि रोक भी पा रहा खुद को!
तब मैं उसके निपपलों को काटने लगा।
इतने में नीलम ने मेरे पैंट के ऊपर से ही मूसल को दबाना शुरू कर दिया था।
आंटी ने मेरी शर्ट उतार दी और मेरे गर्दन पर किस करने और बातें करने लगी.
इससे मेरा जोश और भी बढ़ गया।
अब मैंने नीलम आंटी का पेटीकोट खोल दिया.
वह अब बस पैंटी में रह गई थी जिसमें वह बहुत ही कामुक लग रही थी।
अब नीलिमा ने मुझे बेड के किनारे बैठा दिया और मेरे गोद में बैठ के किस करने लगी।
वह मेरी जीभ को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
पहले तो मुझे कुछ अजीब लगा, फिर बाद में मजा आने लगा।
किस करते हुए मैं उनके मम्म और गड से खेल रहा था।
बीच बीच में एक दो चांटे भी मैंने उसकी गॉड पर भी जड़ दिए.
इससे उसकी कामुकता बढ़ जाती और वह और जोश में आ जाती।
अब आंटी गोद से नीचे उतर के घुटनों के बल बैठ गई और मेरे मूसल पे पैंट के ऊपर से ही किस किया।
फिर उन्होंने मेरे पैंट को खोला और मेरी अंडरवियर को नीचे खिसका दिया।
जैसे ही अंडरवियर नीचे खिसका तो मेरा मूसल उछल के बाहर आ गया।
नीलम - आह … मैं पहली बार किसी का इतना इतना बड़ा मूसल देख रही हूं। किसी का इतना बड़ा और मोटा हो सकता है, मैंने आज तक सोचा भी नहीं था।
मैं- पहली बार मतलब? अंकल का कितना बड़ा है?
नीलम- अरे क्या बताऊं … इनका तो इसका आधा भी नहीं है. और ज्यादा देर तक कर भी नहीं पाते, थोड़ी देर खेल के ढेर हो जाते हैं।


मैं- आंटी और मैं भी जल्दी ढेर हो गया तो?
नीलम- मुझे पता है तेरा जल्दी नहीं होगा. तेरा हथियार तगड़ा लग रहा है।
अब नीलम ने मेरे हथियार को चूमने लगी।
मानो मेरी खुशी का ठिकाना ही था।
फिर उसने मूसल की ऊपर की स्किन को पीछे की ओर खींचना शुरू कर दिया।
मुझे थोड़ा दर्द होने लगा, मेरे चेहरे की भाव बदलने लगे थे।
आंटी ने पूरी स्किन को झटके से पीछे खींच दिया और मूसल के टोपे को मुंह में भर लिया।
पहले तो थोड़ा दर्द हुआ लेकिन फिर राहत भी जल्दी ही मिल गई.
वह मेरे हथियार को और अन्दर लेने लगी और चूसने लगी।
मैं उसके बालों को पकड़े हुआ था क्योंकि बाल बार बार बीच में आ रहे थे।
तो मैंने उसके सिर को पकड़ के दबा दिया तो मूसल गले तक जा लगा।
नीलम- नमन ऐसा मत करो।
मैं- ठीक है।
पर मैंने शरारत में फिर से दबा दिया.
इस बार उसने कुछ नहीं कहा बल्कि मजे लेकर चूसने लगी।
वह इतने जोर से चूस रही थी कि मेरा 10 मिनट में ही उसके मुंह में ही छुट गया।
आंटी ने फिर से मेरे मूसल को अपनी दोनो बुची के बीच दबा के चूसने लगी।
गजब का मजा आ रहा था।
मेरा मूसल 2 मिनट में ही एकदम टाइट हो गया।
तब मैंने नीलम को लेटने को बोला।
नीलम लेट गई और अपने पैर ऊपर कर दिये।
मैं पैरों के बीच बैठ के आंटी की चू....  T के ऊपर मूसल को रगड़ने लगा।
नीलम - अब डाल भी दे।
मैं- ठीक है आंटी!
नीलम - आंटी नहीं, अब मैं तेरी नीलू हूं … नीलू बोल!
मैं- ओके!
मैंने छेद पे हथियार को रखा पर वह फिसल गया।
तो मैंने फिर से जोर लगाया लेकिन फिर भी अंदर नहीं गया।
मेरा पहला अनुभव होने के कारण और उनकी चूत टाइट होने वजह से मैं हथियार अन्दर डालने में असमर्थ था।
यह देख कर नीलू मुस्कुरा रही थी।
नीलू- पहली कभी किया है या नहीं?
मैं- नहीं, ये मेरा पहली बार है।
नीलू- वाह … एकदम ताजा माल मिला है।
मैं- आपने तो पहले भी किया है. तो फिर क्यों आपकी चू....... त इतनी टाइट है?
नीलू- 1 महीने से तेरे अंकल ने कुछ नहीं किया। और वैसे भी उनका बहुत छोटा है और तेरा बहुत बड़ा है. इसीलिए अंदर जाने में इतनी प्रोब्लम हो रही है।
अब नीलू ने मेरे मूसल को अपनी छेद पे लगाया और एक झटका मारने को बोला।
मैंने एक जोर का झटका लगा दिया.
मेरा टोपा अंदर जाकर फंस गया।
नीलू की मुंह से एक चीख निकली।
मैं- क्या हुआ?
नीलू- कुछ नहीं, तू करते रह!
मैंने एक और जोरदार झटका लगाया मेरा आधा मूसल अन्दर चला गया।
तब मैंने अपने हथियार टोपे तक निकाला और फिर जोरदार झटका लगाया.
मेरा पूरा मूसल आंटी की छेद के अंदर चला गया था.
नीलू चिल्ला उठी और अपने पैरों को मेरी कमर के चारों ओर लपेट के अपने ऊपर खींच लिया।
मैं दस मिनट तक ऐसे ही झटके दे दे कर फाड़ने लगा और वह भी गॉड उठा उठा कर मेरा साथ दे रही थी।
इतने में वह दो बार झड़ चुकी थी।
मुझे थकता हुआ देख नीलू बोली- नमन , अब मुझे ऊपर आने दे।
मैं नीचे आ गया और नीलू मेरे मूसल को अपने छेद में डालकर बैठ गई और जोर जोर से उछल के मुझसे चु     ने लगी।
इस मुद्रा में उसके चूचे मेरे आंखों के सामने उछलते हुए बहुत मस्त लग रहे थे।
मैं उन्हें मुंह में लेकर चूसने लगा।
20 मिनट की खुदाई के बाद मेरा माल निकलने वाला था.
मैंने कहा- यार नीलू, मेरा निकलने वाला है, कहाँ निकालूं?
नीलू- मेरे चेहरे पे छोड़ दो अपना माल!
तब नीलू नीचे उतर के मेरा मूसल मुंह लेकर चूसने लगी और जैसे ही मेरा निकलने को हुआ, पूरा माल उसने अपने चेहरे पर ले लिया।
फिर कुछ देर आराम करके नीलू फिर से मेरे मूसल को छेड़ने लगी.
मूसल खडा हो गया.
तब मैंने नीलू को डॉगी स्टाइल में होने को बोला.
वह घुटनों के बल झुक गई।
नीलू की चू.....  T  में मूसल एक झटके में डाल दिया.
इस बार मेरा लन्ड ज्यादा अंदर तक जा रहा था।
अब मैंने नीलू के बाल पकड़ लिये और घोड़े जैसे सवारी करने लगा।
मैं नीलू को जोर जोर से चो _ दाने लगा।
नीलू चीख चीख के बोल रही थी- अमन, और जोर से … और जोर से … आह आह आह … आह्ह … ऐसे ही अंदर तक कर नमन!
मैं नीलू की गॉड पर थप्पड़ मार रहा था.
ये हम दोनों को और भी उत्तेजित कर रहा था।
30 मिनट डॉगी स्टाइल में फाड़ने के बाद मेरा माल निकलने वाला था.
इस बार मैं नीलू की चू ... T में ही छूट गया और उसके ऊपर निढाल होकर गिर गया।
नीलू इतनी देर में 3 बार झड़ चुकी थी.
उसके ऊपर गिर कर मैं उसकी पीठ को चूम रहा था और काट रहा था।
अभी भी मेरा मूसल नीलू की चू...  t में ही था।
नीलू- नमन  आज तुमने मेरी प्यास मिटा के संतुष्ट कर दिया. अब तुम जब बोलोगे, तुमसे chu.. दाने के लिए मैं रेडी रहूंगी।
उस दिन से आज तक उस नीलू आंटी को अपनी मर्जी से फाड़ता आ रहा हूँ.
उसके बाद तो आंटी ने अपनी कई सहेलियों को मुझसे मिलवाया

मंगलवार, 2 अप्रैल 2024

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शुक्रवार, 2 जून 2023

BF के साथ OYO रूम मे खुदाई👄

हैलो दोस्तो मेरा नाम संध्या है मै आगरा की रहने वाली हूँ मेरी उम्र 20 साल है और मै b.com की स्टूडेंट हूँ और गाँव से दूर शहर में मै और मेरी बचपन की सहेली रूम लेकर पढाई करते हैं। 

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मेरे गदराये बदन का माप 

मेरा चहेरा - गोल मटोल सा और गाल पर एक तिल
मेरा रंग - दूधिया सफेद (उपर से नीचे तक) 
मेरा फिगर - 28-30-32

दोस्तो बात उस वक़्त की है जब मैं क्लास 10 पास की तो पापा ने मुझे एक फोन खरीद के दिया और ठीक उसके कुछ दिन बाद लॉकडाउन लग गया और मेरी क्लास online चलने लगी तो मै हमेशा फोन से पढ़ने लगी और रात में फोन चलती। 

कुछ दिनों बाद मैंने एक फेसबुक आईडी बनाई और मै फेसबुक का मजा लेने लगी कुछ दिन बाद मेरे फेसबुक पर सत्यम् नाम के लड़के की फ्रेंड request आई। वैसे तो मै किसी अंजान को फ्रेंड नही बनती थी लेकिन पता नही क्यों उसकी फ्रेंड request ऐसेप्त कर ली और फिर उसने रात मे लगभग 10 बजे मेसेज किया और मै भी उसके मेसेज का reply देने लगी और हमारी बात शुरू हो गई। 

उसकी उम्र 21 साल थी। वो लखनऊ का रहने वाला था। और अपने पापा का बिजनेस संभलता था। मै उस से बहुत आकृषित हुई और हमारी दोस्ती हो गई।

हमारी दोस्ती कब प्यार मे बदल गई हमे पता नही चला और उसने मुझे प्रोपोज कर दिया और मै मान गई। अब हम लोग सारी रात बात करने लगे थे और धीरे धीरे वो मुझसे गरम बात करने लगता तो मै भी गीली हो जाती थी और उसका साथ देती और मजे लेती। 

एक दिन हम लोग बात करते करते इतने गरम हो गए की उसने मुझे बिन कपड़ो के होने को बोला और मै हो गई फिर उसने वीडियो काल कर दिया और मैंने भी उठा लिया उधर वो भी बिन कपड़ो के था और अपना केला दिखा रहा था सच मे मै उसे देख के तो डर गयी उसका केला लगभग 8 इंच का होगा लेकिन मै तो मूड मे थी तो मै उसको अपनी मुनिया दिखा रही थी और वो अपना केला हिला रहा था

कुछ देर बाद उसका केला पानी छोड़ दिया और मेरी मुनिया भी पानी छोड़ चुकी थी। अब हम दोनो सो गए और ऐसे ही अब रोज हम लोग फोन पर मजे करने लगे थे लेकिन अब तड़प इतनी बढ़ गई की अब मिलने के लिए बेचैन थे लेकिन ये सब गाँव मे मुश्किल था 

अब बिल्कुल बर्दास नही हो रहा था और मेरा exam भी आ गया था तो मै अपने exam मे व्यस्त हो गई फिर exam भी खतम हो गया और छुट्टिया भी। 

अब वक़्त था मेरे ग्रेजुेएशन का जिसके लिए मुझे शहर जा के पढाई करनी थी। मेरा और मेरी सहेली का शहर के एक कालेज मे दाखिल हो गया और कालेज के पास ही एक रूम मिल गया और हम दोनो वहा रहने लगे। अब मेरी सहेली भी जान चुकी थी की मै किसी से बात करती हूँ और वो भी गाँव के एक लड़के से बात करती थी। 

लेकिन एक ही कमरे मे होने की वजह से अब हम रात मे वीडियो काल का मजा नही ले पाते थे जिसकी वजह से हमारी तड़प और बढ़ गई। एक दिन हमने एक प्लान बनाया और सत्यम् आगरा आया और मै अपने सहेली से बोल के उसको रेसिव करने रेलवे station चली गई। 

मै पूरी सज धज के गई थी और उसने मुझे देखते ही गले से लगा लिया और हम दोनो समझ चुके थे की अब हमारी तड़प मिटने वाली है............

आगे की कहानी अगले भाग मे। 

कहानी अच्छी लगी हो तो कंमेंट् जरूर करे और कंमेंट् मे पार्ट 2 जरूर लिखे। 

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रविवार, 28 मई 2023

रात में मामा मेरे उपर थे और मै मामा से रहम की भीख मांग रही थी 😭😭

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हैलो दोस्तो, मेरा नाम पूजा है मेरी उम्र 20 साल है मै हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हूँ। आज जो मैं आपको कहानी सुनाने जा रही हूँ वो बिल्कुल सच्ची है अगर उसमे कोई गलती हो जाए तो माफ कर दीजियेगा। 

दोस्तो बात आज से 3 साल पहले की है जब मैंने अपनी जवानी की दहलीज पर कदम रखा था। उस वक़्त मेरी उमर 17 साल की थी और मेरा फिगर उस समय ही काफी लाजवाब था। मुझे कोई भी बुढ़ा या जवान आदमी देख लेता तो मूझपर से अपनी नजर नही हटा पाता था और राह चलते सब मेरी तरफ ही देखते थे और ये देख मैं अंदर ही अंदर खुश होती थी। 

ये बात है नवंबर महीने की मेरे मामा जी 2 साल बाद हमारे घर घूमने आये और मैं उनको देख के बहुत खुश हुई और वो भी मुझे देख के काफी खुश हुए। वो अंदर आये नास्ता पानी किये फिर वो मेरे कमरे मे ही आराम करने चले गए क्युकी मेरे घर मे उस समय सिर्फ 2 कमरे थे एक मे ममी पापा सोते थे और एक कमरे मे मैं सोती थी। फिर रात के लगभग 8 बजे माँ ने मामा को नीचे बुलाया और सब लोग साथ बैठ के खाना खाने लगे उस समय मैंने नोटिस किया मामा मुझे देख देख के मुस्कुरा रहे है मुझे उस समय कुछ समझ नही आया और मैंने ध्यान भी नही दिया। फिर सब लोग खाना खा के जल्दी ही सोने चले गए क्युकी ठण्डी काफी थी उस टाइम। 

मुझे और मामा जी को एक ही कमरे मे एक ही बेड पर सोना था चूंकि हम मामा भांजी थे तो ना किसी ने मना किया और न ही मैंने कोई ऐतराज किया। फिर हम और मामा कमरे मे गए और मैंने बिस्तर लगा दिया फिर मामा और मैं सो के उनके फोन मे मूवी देखने लगे। मामा के फोन मे फेसबुक पर हम मूवी क्लिप्स देख रहे थे तभी एक बहुत ही गंदा वीडियो आ गया जिसमे एक लड़का लड़की के कपड़े उतार रहा था ये देख मै और मामा दोनो हड़बड़ा गए और मामा मेरी तरफ देखने लगे तो मेरी हंसी छुट गई। 

तब मामा जी ने मुझसे थोड़ा सहज हुए और फोन बंद कर के मुझसे बात करने लगे

मामाजी - पूजा कितना बेकार सीन था न...... 

मैंने कहा - हाँ मामा जी 

मामा जी - क्या तुमने कभी ऐसा सीन पहले कभी देखा है? 

मैं बिल्कुल हैरान थी लेकिन अब मुझे भी थोड़ा मजा आने लगा था मामा की ये सब बातों से

मैंने कहा (शर्माते हुए) - नही मामा जी? 

मामा जी - अरे देखो तुम बड़ी हो गई हो मेरी उम्र भी तुमसे ज्यादा नही है मैं भी 24 साल का ही हूँ तो मुझे तुम अपना दोस्त समझ के बता सकती हो। 

ये सुन के मैं थोड़ा सहज हुई और बोली - वो मामा जी मैंने और मेरी सहेली ने उसके फोन मे एक दो बार देखे है ऐसे सीन

मामा जी - अच्छा ये बताओ कैसा लगता है ये सब देख के सीन तुम्हे

मैं - अच्छा लगता है गुदगुदी होती है अंदर से

इतना बात हुआ उसके बाद मामा जी ने सीधे पूछा की तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या ? 

मैंने कहा - जी नही 

उसके बाद normal बात कर के हम लोग एक ही कंबल मे सो गए लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी क्युकी वो सीन मेरे दिमाग पर घूम रहा था और सायद मैं गरम हो गई थी क्युकी ठंडी का टाइम था लेकिन मैं कैसे भी कर के सो गई। 

लेकिन रात 1 बजे मुझे महसूस हुआ की मेरे पेट को कोई सहला रहा है मैं डर गई फिर याद आया मामा होंगे। मैंने सोचा की अवि हटा के अलग कर दु लेकिन मुझे भी अच्छा लगने लगा था तो मैंने वैसे ही रहने दिया और सोने का नाटक करने लगी। 

कुछ देर बाद मामा की हरकते बढ़ गई और मेरे सीने पर हाथ ला के मेरे दोनो ०० को दबाने लगे मुझे बहुत मजा आ रहा था मैं बहुत गरम हो गई। 

मुझसे जब कंट्रोल नही हुआ तो मैं अचानक से घूम के मामा के दोनो 👄 चूमने लगी इस से मामा जी भी समझ गए की मैं राजी हूँ और फिर वो भी मेरा साथ देने लगे और उस रात मामा जी मेरे उपर चढ़ गए और उन्होंने मेरी सिल् तोड़ दी जिस से मुझे बहुत दर्द हुआ लेकिन मजा बहुत आया और मैं अब मामा जी से बहुत प्यार करने लगी थी और अब हम लोग रोज अलग अलग style में करते मुझे और मामा जी को बहुत मजा आता था।

मामा जी मेरे घर 20 दिन रहे और ये दिन मेरे लिए जन्नत के दिन थे लेकिन उसके बाद मामा चले गए और मैं अब उनको और उनके औजार को याद कर कर के खुद को शाहलती थी। 

दोस्तो कहानी कैसी लगी comment कर के जरूर बताये। 

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शनिवार, 27 मई 2023

मेरे से बड़े उमर के अंकल ने मुझे आधी रात में...........मैं बहुत तड़पी 😭

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हैलो दोस्तो, मेरा नाम सुमन है मेरी उमर 21 साल है। मै मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव की रहने वाली हूँ। 

मेरे घर मे मै मेरी माँ और मेरा भाई रहते हैं मेरे पिताजी गाँव के प्रधान थे जो की अब इस दुनिया मे नही रहे। तो हम लोग काफी अमीर थे और महल जैसे घर मे रहते थे। हमारा घर काफी बड़ा था लेकिन हम रहने वाले बस 3 लोग ही थे 

एक बार अक्टुबर के महीने मे मेरे पिताजी के पुराने दोस्त गाँव में किसी काम से आये तो वो हमारे घर ही रुके। वो बहुत बड़े पहलवान थे और उनकी उमर 45 के करीब थी और उनकी हाइट लगभग 6.5 फीट थी लेकिन वो देखने मे किसी 25 साल के जवान से कम नही लग रहे थे। जब वो हमारे घर आये तो भाई ने उनको बैठाया पानी पिलाया और माँ उनसे घर का हाल चाल लेने लगी। जब बात खतम हुई तो माँ ने मुझसे बोला की अंकल जी को उनका कमरा दिखा दो। तो मैंने वैसा ही किया। मै जिस कमरे में रहती थी उसी का बगल वाला कमरा खाली तो था ही साफ सुथरा भी था तो उनको वही वाला कमरा दे दिया अब अंकल जी अपने कमरे मे चले गए और मै किचन मे माँ का खाना बनाने मे हाथ बटाने चली गई। 

कुछ देर बाद जब खाना बन गया तो माँ ने बोला की जाओ अंकल जी को बुला लाओ तो मै उनके कमरे तरफ गई उनका रूम खुला था तो मैं सीधे अंदर घुस गई और अंदर का नजारा देख मैं अंदर से मचल गई........अंदर अंकल जी सिर्फ अंडरवियर मे खड़े थे। लेकिन उनका गठिला शरीर और चौडा सीना देख के मै एकदम से डर गई। मैं तुर्रंत वहा से वापिस आ गई और आते आते उनसे बोली - अंकल जी खाना रेडी है नीचे आ के खाना खा लीजिये। 

अंकल जी नीचे आये और खाना खा के सब लोग बेठ के TV देखने लगे और बात करने लगे लेकिन मेरा तो ध्यान कही और ही था मैं बस अंकल जी का गठिला शरीर याद कर कर के खुश हो रही थी। अब बात करते करते रात के 12 बज गए और सब लोग सोने चले गए और मैंने अंकल जी को जाते जाते गुड नाईट बोल दिया और वो भी मुझे मुस्कुरा के बोले गुड नाईट और सोने चले गए लेकिन मेरी नींद उड़ चुकी थी मै बस अंकल जी को याद कर रही थी और बेचैन हो रही थी फिर किसी तरह कर के मैं सो गई। 

फिर सुबह मां मुझसे बोली की - मैं और तेरा भाई तेरे मामा के घर जा रहे है तेरी मामी की तबियत ठीक नही है हम लोग 10 दिन मे वापिस आ जायेंगे तुम अपना और अंकल जी का ख्याल रखना। और वो लोग चले गए। 

मैं अंकल जी को भोजन करवा के अपने काम मे लग गई और अंकल जी गाँव मे चले गए किसी काम से फिर वो सीधे शाम को आये। फिर हम दोनो ने साथ मे डिनर किया और बैठ के बात करने लगे। फिर मैंने कहा की अंकल जी चलिए कोई मूवी देखते है साथ मे बैठ के तो वो भी मान गए मैंने एक हिंदी मूवी लगा दी और हम साथ बैठ के देखने लगे तभी कुछ देर बाद अंकल जाने लगे तो मैंने उनको पूछा तो वो बोले उनको कुछ काम है तो मैंने कहा अंकल क्या काम है तो वो बता ही नही रहे थे तो मेरे जोर देने पर वो बोले की उनको ड्रिंक करना है इसलिए वो अपने कमरे में जा रहे हैं। तो मैंने उनसे कहा की आप यही पर ड्रिंक कर लो मुझे अकेले डर लगता है आप रहोगे तो डर नी लगेगा तो वो मेरी बात मान गए और वही पेग बना के पीने लगे और मुझे चखना मंगवाया मैंने किचन से उनको नमकीन ला के दे दी। उन्होंने मुझे ड्रिंक औफर की मैंने मना किया लेकिन उन्होंने बोला वो किसी से नही बोलेंगे तो मेरा भी मन होने लगा पीने का मैंने उनको जॉइन कर लिया। 


मैंने बस 3 पेग लगाए और मुझे काफी नशा हो गया और नींद आने लगी लेकिन मै चल नही पा रही थी तो अंकल जी ने मुझे मेरे कमरे तक पकड़ के पहुचाया। उनका मुझे टच करना बहुत अच्छा लगा और मुझे वो मेरे कमरे मे छोर के अपने कमरे मे चले गए। अब हम लोग का रोज का ये सिलसिला हो गया दारू पीने का और मै अब अंकल से बिल्कुल फ्रैंक हो गयी थी। 

एक दिन बहुत तेज आंधी के साथ बारिश होने लगी और हम दोनो डेली की तरह दारू पी रहे थे और उस दिन मैंने TV पर एक वेबसीरी़ज लगाई हुई थी जो की थोड़ी रोमांटिक थी। 

अंकल जी ने उस दिन मुझसे पूछा-

तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या? 

मैंने कहा - जी नही अंकल। 

उसके बाद वो और मै हसने लगे और दारू पीने लगे लेकिन बारिश के वजह से मैं थोड़ी रोमांटिक हो गई थी और शायद अंकल जी भी मूड मे आ गए थे। मैंने भी सोचा मौका अच्छा है आज मैं अंकल के साथ मजे कर ही लेती हूँ। 

फिर अंकल जी और मैं TV देखने लगे और उसमे एक बहुत ही रोमांटिक सीन चालू हो गया जिसमे एक लड़का एक लड़की के होठ को choose रहा था। और उसके ०० मसल रहा था और लड़की भी पूरे मजे ले रही थी । ये सीन देख के अंकल ने मेरी तरफ देखा और मैंने उनकी तरफ और हम दोनों मुस्कुरा दिया फिर मैं धीरे से खिसक के थोड़ा उनके करीब बैठ गई। अब TV मे उस लड़के ने उस लड़की को दागना शुरू कर दिया और लड़की पूरे मजे ले के चिल्ला रही थी। 

ये सब देख के मेरा मूड बन गया और मेरा शरीर बिल्कुल गरम हो गया मुझसे जब बर्दास नही हुआ तो मैं अंकल से लिपट गई और उनसे कहने लगी - अंकल जी मैं आपको बहुत प्यार करने लगी हूँ जबसे आपका गठिला शरीर देखा है तब से मैं आपकी दीवानी हो गई हूँ। 


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ये सब सुन के अंकल जी बिल्कुल हैरान रह गए। 

फिर उन्होंने मेरे माथे पर एक किस किया और मुझे कस के अपनी मजबूत बाहों मे जकड़ लिया। मुझे बहुत अच्छा लगा और उस रात मैं और अंकल जी ने सारी रात मजे किये उन्होंने मुझे रात भर मे 6 बार खुशी दी और मुझे बेहाल कर दिया। 

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सुबह जब मैं उठी ठीक से चल भी नही पा रही थी लेकिन किसी तरह नहा धो के किचन मे गई और चाय बना के लाई और अंकल जी को बहुत प्यार से माथे पर चूम कर जगाया और चाय पिलाई फिर उसके बाद भी एक राउंड गेम हुआ। 

उस दिन के बाद से हम लोग रोज पूरे दिन रात लगे रहते थे अंकल जी ने मेरी उसको (.) गुफा बना दिया फिर जब भाई और माँ वापिस आ गए तो हम लोग थोड़ा सावधानी से सब कुछ करने लगे 

अब हम लोग सिर्फ रात मे सबके सो जाने के बाद मिलते और दारू पी के शुरू हो जाते। जब तक अंकल जी थे तब तक बहुत मजा आया लेकिन जब ओ चले गए तो मेरी जिंदगी निरस रहने लगी और मुझे उनकी बहुत याद आती थी तो उंगली का सहारा लेना पड़ता था लेकिन कब तक मैं उस से काम चलती इसलिए मैंने एक नया बंदा ढूंढ लिया और अपनी जरूरत पूरी की।

मैंने उस नये बंदे से क्या क्या करवाया अगर आप भी जानना चाहते है तो कंमेंट् जरूर कीजिये

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